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दबंगई से सहमे दलित परिवार पलायन को हुए मजबूर, घर बिकाऊ के बैनर लगाए

by pawan sharma

आगरा। एक कहावत है “उल्टा चोर कोतवाली को डाटे” ये कहावत पिनाहट में दलितों पर हुये अत्याचार पर सटीक बैठती है। दबंगों की दबंगई से तंग आये और दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार-उत्पीड़न की घटनाओं से प्रताड़ित होकर दलित समाज के लोग गांव से पलायन करने को मजबूर हैं। इन दलित परिवार के लोग अन्य गांव या फिर शहर में निवास करने के लिए निकल पड़े हैं। यह तक कि दलितों ने अपने -अपने मकान को बेचने के लिये घरों पर बोर्ड तक लगा दिए है।

मामला पिनाहट थाना क्षेत्र का है। 30 अगस्त को पिनाहट गांव में खटिक समाज की महिला द्रोपा बकरी चुगा रही थी। तभी दबंग विजयपाल और उसकी पत्नी ने महिला को भद्दी -भद्दी गालियां देते हुए बेरहमी के साथ मारपीट की। जानकारी मिलते ही बीच बचाव करने पंहुचे खटीक समाज के लोगों को भी दबंगो ने नही छोड़ा। सभी को लाठी -डंडों, फावड़े से मार -मार कर घायल कर दिया। जिससे गौरव के सिर, हाथ, पांव, छाती में गहरी चोट आई। राजेन्द्र खटिक का हाथ टूट गया। मामला थोड़ा शांत हुआ कि दूसरी बार फिर दबंग ने दबंगई करते हुए आठ-दस लोग हाथों में लाठी -डंडे, सरिया, तमंचा , फावड़े आदि से लैस होकर कस्बे की टीचर्स कॉलोनी में निवास कर रहे दलितों के घरों में घुसे और महिलाओं व लड़कियों को दौड़ा -दौड़ा कर पीटा। दबंग यही नही रुके दिन में तीन बार दलितों के घरों पर चढ़ाई कर सरेआम गोलियां चलाई। जिसमें कई लडकिया घायल हो गई। प्रशासन को सूचना मिलने पर भी प्रशासन मूक बना रहा ।

पीड़ित परिवार का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक ने अपने ही समाज के लोगों की महापंचायत कर व प्रशासन पर दबाब बना कर दलितों पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया। पीड़ित परिवार का कहना कि गांव के दबंग स्वर्ण समाज के लोग आये दिन जब चाहे तब घरों में घुस आते हैं । जिससे पीड़ित परिवार दहशत में हैं और अपनी इज्जत बचाने के लिए घर से पलायन करने को मजबूर है।

पुलिस प्रशासन भी मदद करने के बजाये हम पर ही झूठा मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही कर रही है। घटना को पुलिस भलीभांति जानती हुई भी हमे फंसाया जा रहा। हमारे साथ प्रशासन न्याय न कर अन्याय कर रहा है।

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